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साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 11





वकील ने रोशनी को एक फोटो दिखाई जिसे देखकर रोशनी ने दीपक को एक थप्पड़ मार दिया। क्योकि उसमे वकील और दीपक की फ़ोटो थी। और दीपक ने वकील को पैसे पकड़ाए थे।

दीपक का एक हाथ गाल में था, उसने रोशनी के हाथ से फ़ोटो खींच ली और देखा तो हैरान रह गया, उसे समझ नही आया कि ये फोटो किसने और कब खींच ली।

दीपक ने अनुराग और वकील की तरफ देखा और फिर रोशनी की तरफ देखते हुए बोलने लगा- "ये सब झूठ है। मैं पैसे नही दे रहा था उसे, ये उसी के पैसे है"

"प्लीज गेट आउट…." रोशनी बोली।

"लेकिन रोशनी…. ये लोग फंसा रहे है मुझे, ये वकील झूठा है, ये सब चाल है इन सबकी" दीपक ने कहा।

"कैसे यकीन करूँ, कैसे करूँ, अगर ये लोग झूठ बोल रहे है तो ये तस्वीर, ये तस्वीर किसकी है, तुम कोई बैंक मैनेजर तो हो नही की ये पैसे जमा करने बैंक आया था।" रोशनी ने कहा।

अनुराग ने दीपक की बात को काटते हुए कहा- "दीपक, प्लीज…… झूठ बोलने से सच बदल नही जायेगा, तुम बस ये बताओ कि वकील साहब के सामने कौन खड़ा है, क्या तुम सच मे खड़े थे या ये वकील नकली फ़ोटो बनाकर लाया है"

"मैं ही खड़ा हूँ, लेकिन इसे मैं क्यो पैसे दूँगा इसने मुझे बुलाया……."

"स्टॉप…… इतना लंबा नही, बस हां या ना में जवाब दो"

" हां वो मैं ही था" दीपक ने कहा।

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वर्तमान काल

राहुल ने दीपक की बात सुनी और कहा- "क्या वो वाकई में तुम थे?"

"हां, वो मैं ही था"  दीपक ने कहा।

"लेकिन तुम ऐसे उसके पास, और उसके हाथ मे पैसे…. साथ मे वो फ़ोटो, ये कोई साजिश थी क्या?"

" हां ये सब साजिश ही थी, उस दिन जब रोशनी के घर पर वकील मिला था तो हमे बहला फुसलाकर वो विदा ले चुका था, उसके जाने के थोड़ी देर बाद जब मैं भी बाहर निकला तो थोड़ी दूर ही सड़क किनारे वो खड़ा था, उसने मेरे बाइक को हाथ दिया, मुझे लगा शायद वो मेरे से लिफ्ट माँग रहा है, मैं उसके पास रुका तो उसने अपने जेब से दो दो हजार के तीन चार नोट निकालते हुए मेरी तरफ बढ़ाकर कहा की उसे खुले पैसो की जरूरत है

"लेकिन इतने पैसे खुले मैं कहाँ से दूँ, मेरे पास भी ज्यादा से ज्यादा पांच सौ तक के खुले होंगे शायद, वो भी मुश्किल है।"  दीपक ने कहा।

" एक बार चेक तो कर लो, क्या पता हो, हम आदमियों को खुद अंदाजा नही होता कि हमारे जेब मे कितने पैसे रहते है, पर्स टटोलो तो निकल ही आते है" हँसते हुए वकील बोला।

"मैंने पर्स निकाला और उसमे ढूंढा तो मेरे पर्स में तीन साढ़े तीन सौ रुपये थे बस, इसी बीच ना जाने किसने फ़ोटो खींच ली थी" दीपक ने राहुल को बताते हुए कहा।

"तो ये बात रोशनी को बताई नही तुमने" राहुल ने सवाल किया।

"नही, वो मेरी बात सुनने को राजी नही थी, अनुराग ने उसे ना जाने कौन सी पट्टी पढ़ा दी थी, और उस फ़ोटो में मेरे हाथ मे पर्स था और वकील के हाथ मे पैसे, रोशनी ने मुझपे भरोसा नही करके मुझे थप्पड़ मार दिया और मेरी बात बिना सुने मुझे घर से जाने को कहा" दीपक बताते हुए सोफे में जा बैठा।

राहुल भी जिधर दीपक जाता उधर चल पड़ता, क्योकि उसे कहानी पूरी सुननी थी।

"ओह अच्छा, तो तुमने इस बात से गुस्सा होकर अनुराग की हत्या कर दी थी। इतनी सी बात पर कौन इतने बड़े वारदात को अनजाम देता है" राहुल ने कहा।

"ये बात इतनी सी नही है। उसने मुझे रोशनी की नजरों में इतना गिरा दिया था कि रोशनी ने मेरा फोन उठाना बन्द कर दिया, मैं घर पर भी जाता तो दरवाजा नही खुलता था। इसे इतनी सी बात मत कहना, बहुत बड़ी बात थी"  दीपक बोला।

"तुम्हे संभालना नही आया,  खुद को सच साबित करने के लिए कुछ ना कुछ करना चाहिए था ना" राहुल ने कहा।

"किया ना। बहुत कुछ किया। वो वकील आज भी अपने पैर पर खड़ा नही हो पाता है, उसका भर्ता बनाकर आया था, तब जाकर कहीं सच मेरे सामने आया, लेकिन सिर्फ मेरे। मैंने जिस कमरे में उसे मार पीटकर सच्चाई उगलावई थी वहां मैंने एक कैमरा भी रखा था वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए, जब उस वकील को छोड़ दिया तब कैमरा चेक किया, लेकिन अफसोस रिकॉर्डिंग ऑन करना भूल गया था" दीपक ने कहा।

"मतलब यहाँ भी बेवकूफी…." राहुल ने कहा।

"हां, मैं तब एक नम्बर का बेवकूफ ही था, लेकिन मैं जानता था कि रोशनी सिर्फ मुझसे प्यार करती है एक दिन वो मेरी बात का भरोसा जरूर करेगी। अनुराग जितना मर्जी से भड़का ले, लेकिन मुझसे मेरी रोशनी को वो नही छीन पायेगा" दीपक ने कहा।

राहुल अपने कंधे पर हाथ ले जाते हुए- "ये पट्टी कब चेंज करनी है?"

"कल सुबह करवा दूँगा, डॉक्टर वरुण को बुलाकर, फिलहाल कुछ खाने के लिए मँगा लेता हूँ, क्या खाओगे" दीपक ने राहुल से सवाल किया।

"जो आप खाओ वही मँगा लो, खाने की इच्छा नही है क्योकि बहुत सारे सवाल है मन में" राहुल बोला।

"आर्डर कर लेता हूँ, डिलीवर होने तक सारे सवालों के जवाब तुम्हे मिल जाएँगे" दीपक ने कहा।

"बहुत सारे सवाल नही बस एक सवाल का जवाब दे दो, रोशनी अब कहाँ है , किसके साथ है और उसकी माँ! वो कहाँ है।" राहुल ने कहा।

"ये तो तीन सवाल हो गए ना" दीपक ने मुस्कराते हुए कहा।

दीपक मोबाइल में गहराई से खोया था, क्योकि ऑनलाइन खाना आर्डर कर रहा था, तभी उसके फोन पर फोन आया।

फोन उठाते हुए दीपक ने कहा- "हां बेबी…. बोलो,"

"कहाँ हो दीपक तुम"

"मैं? रूम पर…. रूम में ही हूँ, और कहां जाऊँगा"

"मुझे बहुत डर लग रहा है, तुम ठीक तो हो ना, और ये न्यूज…. न्यूज में तुम्हारी फ़ोटो….पता नही क्या क्या बकवास सुना रहे है ये"

"अरे ऐसी कोई बात नही है बेबी…. विजय नाम का कुत्ता अभी भौंकना सीख रहा है, उसे पता नही की दीपक जब जलता है तो अंधेरा दूर दूर तक नजर नही आता।"

"मैं जानती हूँ दीपक, लेकिन इसमे बता रहे कि आपको गोली लगी थी आप कोमा में…. मेरा मतलब कोमा से गायब हो गए"

"यार प्लीज…. वो सब मेरी ही चाल थी, बस न्यूज रिपोर्टर को खरीद लिया था, तुम जानती ही हो मैं तो हूँ ही बदनाम बेचने और बिकने के लिए, या किसी को खरीद लो या खुद बिक जाओ बस जीत पर फोकस रखो , यही मानना है मेरा"

"शट अप दीपक, उस वक्त तुमने किसी को खरीदा बेचा नही था, और मैं ये बात अच्छे से समझती हूँ।"

"तुम्हारे समझने ना समझने से क्या फर्क पड़ेगा, अगर उस टाइम जब मुझपे इल्जाम लगा था तब यकीन होता किसी को तो आज कहानी कुछ और होती" 

"ह्म्म्म कहानी बदल चुकी है, और अब तो तुम्हारी रोशनी भी मर चुकी है, और मैं चाहती हूं तुम उसे भूल जाओ,  उसके लिए अपनी जिंदगी बर्बाद मत करो"

"शटअप….  रोशनी हमेशा मेरी रोशनी रहेगी, उसे मैं कभी नही भूल सकता, चाहे कंडीशन कैसी भी हो, तुम कभी नही समझ सकते मेरे प्यार को, शायद तुम्हारी जगह मैं होता तो तुम मुझे पूछती भी नही, लेकिन मैं ऐसा नही हूँ।" दीपक ने आवाज में गहराई के साथ कहा।

"मैं भी तो तुमसे प्यार करती हूँ, लेकिन पुरानी रोशनी की तरह अब कैसे करूँ। तुम मेरे साथ जिंदगी भर खुश नही रह पाओगे दीपक, क्योकि मैं चाहकर भी अब तुम्हारी पुरानी रोशनी नही बन सकती जिसे तुम मेरी तस्वीरों में ढूंढते हो"

"बस इसी वहम को दिल से निकाल कर देखो, मैं उस रोशनी को भूल जाऊँगा, मेरी रोशनी तुम हो, इस दीपक से रोशनी कभी नही दूर नही हो सकती…. बाय द वे तुम्हे डर लग रहा था ना, इसलिए कहता हूँ समाचारों में ध्यान मत दो" दीपक ने कहा।

"कैसे मत दो, तुम्हे कुछ हो गया तो…. मैं डरती हूँ तुम्हारे बिना जीने में"

"बस इसी डर को दिल मे जगह मत दो, क्योकि तुम्हारे दिल में मैं भी हूँ, और मैं किसी डर के साथ एडजस्ट नही कर सकता" मुस्कराते हुए दीपक बोला।

"ह्म्म्म धीरे धीरे निकल रहा है"

"ओके बाय, ख्याल रखना अपना, लव यू……"

"लव यू 2 , और आप भी अपना ख्याल रखना प्लीज"

"ह्म्म्म" कहते हुए दीपक ने फोन काट दिया।

राहुल सिर खुजलाता रह गया, बहुत ज्यादा कन्फ्यूजन थी, दीपक की बात सुनकर ऐसा लग रहा था कि दीपक रोशनी से बहुत प्यार करता था, और रोशनी मर चुकी है और दीपक इस बेबी के बिना नही रह सकता, वो इससे शादी करेगा, और इसकी बेबी इसे जिंदगी भर खुश नही रख पाएगी, वो इससे शादी नही करना चाहती लेकिन दीपक के बिना वो मर जाएगी, ये दोनो एक दूसरे से प्यार करते है।

राहुल की बैचेनी बढ़ने लगी ये जानने की कि वो लड़की कौन थी जिससे दीपक बात कर रहा था। 

"अरे भाई एक बात तो बताओ, ये कौन थी जिससे तुम प्यार करते हो,और उससे प्यार करते हो तो रोशनी के ख्यालो में खोए क्यो रहते हो"

"जब तक मेरा बदला पूरा नही हो जाता, विजय और अमन को इस मोह माया के जाल से बाहर नही निकाल देता तब तक रोशनी को याद करना ही पड़ेगा, और प्यार तो सिर्फ एक बार होता है, उसके बाद दोबारा तो बस जरूरतें पूरी होती है" दीपक ने कहा।

"ये बात भी राहुल के पल्ले नही पड़ी, उसने बस हां में सिर हिला लिया, इतना तो राहुल समझ गया था कि रोशनी अब इस दुनिया में नही है, बस ये जानने की प्रबल इच्छा थी कि उसका कत्ल कैसे और क्यो हुआ, जबकि वो तो अनुराग की तरफ हो चुकी थी, आखिर अनुराग ने उसको मारा या फिर दीपक ने, राहुल को दीपक पर भी शक था, क्योकि दीपक थोड़ा सनकी दिमाग वाला लग रहा था ,हो सकता है अनुराग और रोशनी दोनो को उसी ने मार दिया हो।

कहानी जारी है

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2 Comments

Fiza Tanvi

27-Aug-2021 11:55 PM

Osm

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🤫

31-Jul-2021 12:42 PM

oh ho... again suspence...kuch samajh nahi aa raha h kya sach h kya bhram...dipak roshani aur anuraag gutthii uljah kr rah gayi h

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